Management of NMDC extended their deepest condolences and support to the bereaved families.
February 28, 2024आर्टिक्ल 370 फिल्म और विपक्ष
February 29, 2024रायपुर / अखिल भारतीय साहित्य परिषद छत्तीसगढ के प्रांत प्रमुख प्रभात मिश्र ने नगर निगम पर नरैयया तालाब की असामयिक हत्या का आरोप लगाया है। श्री मिश्रा ने अध्ययन एवं दस्तावेजो के आधार पर जारी विज्ञप्ति में कहा कि किसी भी नगर की प्राचीनता और वैभव को प्रमाणित करने में तालाबों, सरोवरों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है रायपुर सरोवरों का नगर कहा जाता है जैसे– बूढ़ा तालाब, 1402 मे राजा ब्रम्हदेव ने, 1660 मे कंकाली तालाब महंत कृपाल गिरी ने,1670 मे आमा तालाब, 1705 मे राजा तालाब, 1770 मे महाराज बंध तालाब, 1835 मे तेली बांधा तालाब, 1790 के आसपास बैजनाथ तालाब, एवं 18वी शताब्दी के अंत मे एवं19वी शताब्दी के आरंभ मे सरजू बांधा एवं नरैयया तालाब का इतिहास मिलता है।
ये तालाब अचानक शून्य से प्रकट नही हुए थे इनके पीछे एक इकाई थी बनवाने वालो की तो दूसरी इकाई थी बनाने वालो की कुछ वर्षो मे देखते देखते ये तालाब विलुप्त हो गए हैं या हमारी गलत नीतियो के कारण मरणासन्न स्थिति मे है।
जैसा दिखाई देता हुआ नरैयया तालाब है नगर निगम ने सीवेज का पानी इस तालाब से जोड़कर इसकी असमायिक हत्या कर दी न एच टी पी समय से बन पाया है न किसी प्रकार का दूषित जल प्रबंधन दिखाई दे रहा है आज सरोवरों का नगर रायपुर सरोवरों के लिए तरस रहा है। इस संबंध उन्होने बताया कि उन्होने इस संबंध में जनहित याचिका हाईकोर्ट बिलासपुर मे मार्च 2020 मे लगाते हुए नगर निगम सहित संबंधितो से इस पर माननीय उच्च न्यायालय के माध्यम से संदर्भ रखा था जिस पर इन संबंधित विभागो को नोटिस हुआ और एच टी पी का कार्य प्रारंभ हो चुका है।